अस्सी साल पहले आज ही(२३ मार्च १९३१) के दिन तीन देशभक्तों ने अपनी क़ुरबानी देकर युवा वर्ग को एक नयी रह दिखाई थी, जिसकी बदौलत हमें अंग्रेजी शासन से तो आज़ादी मिल गयी, मगर भ्रष्टाचार और पूँजीवादी नीतियों और उनके अत्याचार से हम आज भी पीड़ित हैं| आज एक बार फिर से इस मातृभूमि को ऐसे ही वीर देशभक्तों की ज़रूरत है जो देश को इस भ्रष्ट और अत्याचारी प्रणाली से आज़ादी दिला सके|
Eighty years ago, this was the day (23 march 1931), three patriots shows a new path to youth, by sacrificed themselves, due to which we are only free from the English rule, but we are still suffering from corruption & capitalistic policies & their exploitation. At this stage again we need such brave nationalists, who can get rid of the nation from this corrupt & exploitive system.
Not, three, or four... We need millions... and they are waiting for it...... 84 caror working people...........!!!
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